Wednesday, 11 January 2017

वो दिन था फिर आज का दिन है, क्या भूलूं क्या याद करूँ.

दिल में मेरे बस सी गई हैं               छुईमुई सी आँखें दो.

हंसती रोती शरमाती                   नखरे करती मुसकाती.

दिल में मेरे बस सी गई हैं               छुईमुई सी आँखें दो.

जाने कितने खाब हैं इनमें            जाने कितनी अभिलाषा.

दिल में मेरे बस सी गई हैं                छुईमुई सी आँखें दो.