कल हमने दिन में रात होते देखी
सूरज से चांदनी की मुलाकात होते देखी
किसी ने कहा क़यामत तो किसी ने जलवा-ए-हुश्न
हमने अपनी बस्ती-ए-दिल तमाम होते देखी
सूरज से चांदनी की मुलाकात होते देखी
किसी ने कहा क़यामत तो किसी ने जलवा-ए-हुश्न
हमने अपनी बस्ती-ए-दिल तमाम होते देखी
लोग कहते हैं कि नजरों कि जुवां नहीं होती
हमने इन आँखों कि आँखों से बात होते देखी
वादी-ए-दिल में जुल्फों कि घटा यूँ लहराई "बादल"
कि, पलकों तले भि हल्की बरसात होते देखी
हमने इन आँखों कि आँखों से बात होते देखी
वादी-ए-दिल में जुल्फों कि घटा यूँ लहराई "बादल"
कि, पलकों तले भि हल्की बरसात होते देखी
bahut achhe se baras rahe he hame dar he ki kahi badh na aa jaye . are tute hue dil itna kyo barsata he.
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